28 साल पुराने केस में पूर्व IPS संजीव भट्ट दोषी करार, आज होगा सजा का ऐलान

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संजीव भट्‌ट ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया गया था।

अहमदाबाद। गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर की एक सत्र अदालत ने पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट को 1996 के मादक पदार्थ जब्ती मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत आज दोपहर में सजा का ऐलान करेगी। आपराधिक मामले में संजीव भट्ट की यह दूसरी दोषसिद्धि है। उन्हें 2019 में जामनगर अदालत द्वारा हिरासत में मौत के मामले में भी दोषी पाया गया था।

संजीव भट्ट पर 1996 में पालनपुर के एक होटल में राजस्थान के एक वकील के कमरे में गलत तरीके से ड्रग्स रखने और एनडीपीएस एक्ट में फंसाने का आरोप है। भट्ट तब बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक थे। बनासकांठा की पुलिस ने राजस्थान के वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को नारकोटिक्स ड्रंग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS एक्ट) के तहत 1996 में गिरफ्तार किया था। यह दावा किया गया था सुमेरसिंह सिंह होटल के कमरे में रह रहे थे वहां से ड्रग्स जब्त की गई थी।

हालांकि राजस्थान पुलिस ने बाद में कहा था कि बनासकांठा पुलिस ने सुमेरसिंह को झूठा फंसाया है। ऐसा राजस्थान के पाली में मौजूद एक विवादित जमीन को ट्रांसफर किए जाने का दबाव बनाने के लिए किया गया था। ड्रग प्लांटिंग मामले में सत्र अदालत ने संजीव भट्ट को राजस्थान के रहने वाले एक वकील को झूठे आरोप में फंसाने का दोषी पाया है।

बता दें कि संजीव भट्ट को गुजरात सरकार ने 2015 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। भट्ट नरेंद्र मोदी सरकार की मुखर आलोचना के लिए जाने जाते हैं। आईपीएस से बर्खास्तगी से पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया गया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2015 में सेवा से उनकी बर्खास्तगी ड्यूटी से अनधिकृत अनुपस्थिति के आधार पर की गई थी।