मिट्टी में मिल गया मुख्तार, दफनाने से पहले नहीं देख सकी बीवी अफसां और बेटा अब्बास

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माफिया मुख्तार अंसारी मिट्टी में मिल गया। मुख्तार को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। परिवार वालों ने मुख्तार को मिट्टी दी। इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर लोगों का भारी हुजूम रहा। समर्थकों ने मुख्तार जिंदाबाद के नारे लगाए। पत्नी और बेटे अब्बास को छोड़ कर जनाजे में परिवार के सभी सदस्य शामिल हुए है। माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी शनिवार को सुबह करीब 9.30  बजे जनाजा उठा। मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 500 मीटर की दूरी तक हजारों समर्थकों का जनसैलाब उमड़ा। कब्रिस्तान से पहले घर से 200 मीटर की दूरी मौजूद प्रिंस हॉल मैदान में जनाजे की नमाज पढ़ी गई।  

 पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार का शव शुक्रवार शाम 4.45 बजे कड़ी सुरक्षा में 30 गाड़ियों के काफिले के साथ गाजीपुर भेजा गया। देररात करीब 01.12 बजे मुख्तार का शव यूसुफपुर स्थित आवास ‘फाटक’ पर पहुंच गया। आपको बता दें कि बांदा जेल की तन्हाई बैरक में उम्रकैद की काट रहे मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार रात उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां रात 8.25 बजे उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले वह 24 मार्च की रात भी बीमार पड़ा था। तब भी मेडिकल कॉलेज आईसीयू में उसे रखकर 14 घंटे इलाज किया गया था। मंगलवार शाम उसे जेल शिफ्ट किया गया था।

इससे पहले 20 मार्च को मुख्तार ने वकील के माध्यम से बाराबंकी कोर्ट को सूचित किया था कि उसे धीमा जहर दिया गया है। तब से मुख्तार की बीमारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसे देखते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट की एसीजेएम गरिमा सिंह ने बुधवार को बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को पत्र भेज कर पूछा था कि मुख्तार की तबीयत कब बिगड़ी। उसने उस दिन क्या खाया और अब उसकी तबीयत कैसी है। यह रिपोर्ट 29 मार्च शुक्रवार तक देने का आदेश था। वरिष्ठ अधीक्षक के रिपोर्ट भेजने से पहले गुरुवार शाम ही मुख्तार की मौत हो गई।