फेशियल हेयर के लिए ट्रोल हुईं टॉपर प्राची, जानें- शारीरिक रूप से सकारात्मक बनाएं रखने के लिए माता- पिता का क्

Views


 यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं का रिजल्ट आया, जिसमें छात्रा प्राची निगम पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया। जैसे ही परिवार के लोगों को पता चला, घर की बेटी ने पहला स्थान हासिल किया है, वे सभी खुशी से झूम उठे। जहां एक ओर परिवार बेटी की सफलता पर खुशियां मना रहा है, वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राची निगम को उनके चेहरे के बालों के कारण  ट्रोल किया जा रहा है, लेकिन ट्रोल करने वाले भूल गए हैं, दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज किसी व्यक्ति की काबिलियत होती है, न की रंग- रूप।  

अगर आपके बच्चे भी स्थिति से गुजर रहे हैं, तो आइए जानते हैं आप घर का कैसा माहौल बना सकते हैं, ताकि बच्चों को लोगों की बातों को लेकर ज्यादा फर्क न पड़े और वह उनका ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित रहे और क्या होना चाहिए माता- पिता का कर्तव्य।

जानें- क्या कहा प्राची निगम की मां और पिता ने  

एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू देते हुए प्राची निगम की मां ने कहा, हमें बच्चे की काबिलियत देखनी चाहिए, वहीं पिता ने कहा, जो बच्चे अच्छा करते हैं, हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दुनिया में एक जैसे लोग नहीं होते हैं। ऐसे लोगों की मानसिकता ठीक नहीं होती है।

माता पिता इन बातों का रखें ध्यान

देखिए बच्चे को शारीरिक रूप से सकारात्मक बनाए रखने की जिम्मेदारी माता पिता की होनी चाहिए, ऐसे में घर के माहौल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घर में आप बच्चों को छोटी उम्र से ही बताए, जो आपका शरीर है, वह बेहद सुंदर है, हमेशा उसका ध्यान रखिए। इस बात का भी ध्यान रखें, कि शरीर की बनावट के चलते बच्चे के साथ घर पर कोई हंसी- मजाक न करें। कई बार जाने- अनजाने में बच्चों की भावना को ठेस पहुंच सकती है।

- जब बच्चा धीरे- धीरे बढ़ता है, तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जैसे चेहरे पर बाल काआना, आवाज में भारीपन आदि, ये सब प्राकृतिक बदलाव है। ऐसे में अपने बच्चों को उन बदलावों के बारे में बताएं और समझाएं की ये एक नेचुरल प्रक्रिया है और ये किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है। इसी के साथ उन्हें ये कहने के लिए प्रोत्साहित करें, "मेरा शरीर केवल प्यार, देखभाल और पोषण के लिए है"

- मनोवैज्ञानिक पीनल सावनसुखा के अनुसार, "माता-पिता को कभी भी अपने बच्चे की तुलना उनके साथियों के साथ नही करनी चाहिए और न ही बच्चे पर बेहतर दिखने का दबाव नहीं डालना चाहिए। दूसरों से तुलना करने से आत्म-सम्मान में कमी और शारीरिक असंतोष हो सकता है। ऐसे में बच्चे खुद की तुलना भी दूसरों से करते हैं और बाद में परेशान होते हैं।

- अपने बच्चों के शरीर की तुलना सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर या सेलिब्रिटी हस्तियों से करने से बचें। इसके बजाय उनकी क्षमताओं की सरहाना करें। इसी के साथ उन्हें समझाएं सबसे सुंदर काबिलियत का होना है।

- माता- पिता की कोशिश रहनी चाहिए कि बच्चे बेकार के दिखावे में न पड़े, बल्कि अपनी हेल्थ का ध्यान रखें। माता पिता को बच्चे के संतुलित पोषण, नियमित शारीरिक गतिविधि और अच्छी नींद की आदतों को बढ़ावा देना चाहिए।

- इसी के साथ माता- पिता को अपने बच्चों को ऐसी स्थिति के लिए भी तैयार करना चाहिए, जब उनका साथियों द्वारा शारीरिक बनावट के चलते मजाक बनाया जाए, धमकाया जाए या आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाया जाए। अभिभावकों को समझाना चाहिए कि बच्चों को कैसे उस स्थिति का सामना करना चाहिए और उन बातों को कितना खुद पर हावी होने देना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करें और उनका आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करें।