बोहरा समाज के रमजान की मुबारक रात और सैयदना साहब की सालगिरह आज, मस्जिदों में रातभर होगी इबादत

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बूंदी .  इस्लामिक वर्ष का सबसे मुबारक महीना… इस महीने में रोज़ा रखने के साथ बंदे इबादत में मशगूल हो जाते हैं… इसी पाक महीने में जन्म हुआ एक ऐसी शख्सियत का जो आज बोहरा समाज के धर्म गुरु  है। जी हां… हम बात कर रहे हैं डॉ. सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की। आज शब-ए-कद्र है और सैयदना साहब का जन्मदिन भी। आइए जानते हैं डॉ. सैयदना साहब के जीवन के बारे में…।
डॉ. सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब का जन्म 20 अगस्त 1946 को सूरत में हुआ था। इसी दिन शब-ए-कद्र होने से दादाजी साहब सैयदना ताहेर सैफुद्दीन साहब ने उनका नाम आलीकदर मुफद्दल रखा। सैयदना साहब ने आध्यात्मिक ज्ञान पिता  डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब के मार्गदर्शन में लिया। अल अजहर यूनिवर्सिटी से ग्रेज्युएशन की डिग्री प्राप्त की।
सैयदना साहब का विवाह 1 जनवरी 1970 को हुआ। उन्होंने अपने पिता के साथ विभिन्न देशों की यात्राएं की। इन यात्राओं में दुनियाभर की प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की। डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब ने उन्हें अमीरुल हज (हज प्रमुख) नियुक्त किया। यमन यात्रा के दौरान उन्होंने वहां सैयदना हातिम बिन इब्राहीम साहब की दरगाह के निर्माण की नींव रखी। 2011 में डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की तबीयत खराब होने से लंदन में उन्हें 53वां दाई मुतलक नियुक्त किया गया। जनवरी 2014 में उनके निधन के बाद सैयदना साहब ने उनकी जगह संभाली। 28 फरवरी 2014 को कर्बला, नजफ की यात्रा से पहले पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद उन्हें एयरपोर्ट पर मिलने आए थे।