सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान और उनके पत्नी-बेटों समेत 12 लोगों पर आरोप तय हो गया है। मुकदमों में अगली सुनवाई अब 23 मई को होगी।
जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करने के पांच और मुकदमों में अदालत ने डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज करते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान और उनके पत्नी-बेटों समेत 12 लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। इनमें आजम के खास सपा विधायक नसीर अहमद खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन और तत्कालीन इंस्पेक्टर कुशलवीर के नाम भी शामिल हैं। मुकदमों में अगली सुनवाई अब 23 मई को होगी।
2019 में किसानों ने तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह को प्रार्थना पत्र दिया था कि उनकी जमीनों पर आजम खान और उनके लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है, जमीनों को जौहर विवि में मिला लिया है। शिकायत जांच में सही पाए जाने पर किसानों और प्रशासन की ओर से 27 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनका ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है।
आजम, तजीन, अब्दुल्ला वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुडे़
अदालत में गुरुवार को पांच मुकदमों पर सुनवाई थी। जिसके लिए आजम खां, तजीन
फात्मा, अब्दुल्ला आजम आदि अलग-अलग जेलों से वीडियो कांफ्रेसिंग से कनेक्ट
हुए, वहीं अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ
तिवारी ने बताया कि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट(एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट
ट्रायल) शोभित बंसल की कोर्ट ने किसानों के पांच और मुकदमों में आरोपियों
की डिस्चार्ज एप्लीकेशन खारिज करते हुए आरोप तय कर दिए हैं।
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