ई-वे बिल की अनिवार्यता सरकार की तानाशाही : उमेश पटेल

Views

 

 रायपुर.  पूर्व मंत्री व विधायक उमेश पटेल ने ई-वे बिल की छूट को समाप्त करने को भाजपा सरकार की तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि 24 मई को नया सर्कुलर जारी हुआ है, जिसमें ई वे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है और इससे इंस्पेक्टर राज चालू हो जायेगा। सर्कुलर में स्पष्ट है कि कनसाईमेंट को जांच करने का अधिकार हो जायेगा और पहले बार्डर पर चेंकिंग होती थी। अब कनसाईमेंट में चेंकिंग शुरू हो जायेगी तो इससे इंस्पेक्टर राज वापस होगा और सभी व्यापारी इससे प्रताड़ित होंगे। दूसरी बात यह है कि जो छोटे व्यापारी है जो गल्ला दुकान वाले, जो साड़ी का दुकान चलाते है, गांव में कोई जूते का दुकान चलाता है उनके लिये बड़ी समस्या होगी। उनको हर बार ईवे बिल जनरेट करने की अनिर्वायता है। अगर ई वे बिल जनरेट नहीं करते है तो पेनाल्टी भी बहुत ज्यादा होता है। जो ये सर्कुलर है लंबे समय में छत्तीसगढ़ व्यापार को बहुत नुकसान करेगा। जिस तरह से लोगो का रिवेन्यू बढ़ रहा है और सरकार से मांग करता हूं कि सर्कुलर को जल्द से जल्द वापस ले। यह आदेश छत्तीसगढ़ के लिये बहुत नुकसान दायक है।

उमेश पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार 2018 में इस सर्कुलर को लायी गयी थी कुछ 15 सामान है उसको छोड़कर ताकि ई वे बिल की आवश्यकता नहीं है। अगर ई वे बिल लेना पड़ेगा तो लोगो को मैन पावर बढ़ाना पड़ेगा, कास्ट बढ़ाना पड़ेगा और जो हितग्राही है जो सामान खरीदने वाला है उसके जेब में असर पड़ेगा और बिजनेस में बहुत इम्पेक्ट पड़ेगा। छत्तीसगढ़ की इकोनामी भी कहीं न कहीं डाउन होगी। सरकार व्यापारियों से बात करें और व्यापारियों की जो समस्या है उसको हल करें और सार्थक चर्चा के बाद जारी करें।



उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जब से बनी है सरकार आम आदमी के साथ व्यापार और उद्योग के खिलाफ निर्णय ले रही है कांग्रेस इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।