जिले में चलाये गये जल जगार उत्सव के सार्थक परिणाम अब आने लगे नजर

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धमतरी.
जिले में नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत् चलाये जा रहे जल जगार उत्सव के सार्थक परिणाम अब नजर आने लगे है। जिले में हुई पहली बारिश से ही जल संरक्षण के लिए बनायी गयी संरचनाओं में मंशानुरूप पानी धरातल से रसातल में समाने लगा है। 

कलेक्टर नम्रता गांधी ने जिले में प्रतिदिन गिरते भूजल स्तर पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए जल संरक्षण हेतु कुशल रणनीति बनाकर काम करना शुरू किया। उनकी पहल पर जिले में जल संरक्षण हेतु अभियान चलाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य रैन वाटर हार्वेस्टिग, रूफटर्फ वाटर और वेस्ट वाटर मेनेजमेंट के माध्यम से शुद्ध पानी को भूमि के अंदर भेजना है। अभियान अंतर्गत जिले के 4 विकासखंडों के 5-5 ऐसे गांव, जिनमें पानी की वृहद समस्या रहती थी, उनका चिन्हांकन कर जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा गांव में रैन वाटर हार्वेस्टिंग, बोर वाटर रिचार्ज, रूफ वाटर स्ट्रक्चर और वेस्ट वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि निर्मित किये गये।

कार्यशाला व बैठक का आयोजन : 

प्रथम चरण में कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल की महत्ता को समझते हुए भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों के सहयोग से जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें लोक स्वास्थ्या यांत्रिकी, लोक निर्माण, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उद्यानिकी, जल संसाधन सहित अन्य विभागों को शामिल कर जल संरक्षण के लिए किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों ने भू जल मुद्दों से निपटने की तकनीको के बारे में विस्तृत जानकारी दी। द्वितीय चरण में जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों, अस्पताल, रेस्टोरेंट सहित ऐसे भवन जिनका आकार बड़ा है, उन्हें अनिवार्य रूप से अपने भवन के समीप रेन वाटर हार्वेस्टिंग और रूफटॉप स्ट्रक्चर बनाने के निर्देश दिये गये।

कुरूद विकाखंड के नवागांव (थुहा) से जल जगार की हुई शुरूआत, यहीं दिखा परिणाम : 

धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम नवागांव थुहा से जल जगार उत्सव की शुरूआत की गयी, जहां ग्रामीणों ने एक स्वर में जल संरक्षण की शपथ ली थी। इसी कार्यक्रम में वाटर हीरो जल प्रहरी नीरज वानखेडे़ ने गांव के ही खराब बोरवेल में बोर वाटर रिचार्ज सिस्टम बनाकर लोगों को इसकी जानकारी दी। पहली बारिश में वर्षा का पानी इस रिचार्ज सिस्टम में समाहित होकर भूमिगत हो गया तथा भूजल स्तर में वृद्धि हुई।