1 जुलाई को क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे? जानें

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हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस प्रसिद्ध डॉक्टर और बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधान चंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है। बता दें, नेशनल डॉक्टर्स डे भारत में मनाया जाने वाला एक बड़ा उत्सव है, जो डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स के योगदान का जश्न मनाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच डॉक्टरों के महत्व, उनकी निस्वार्थ सेवा और लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में उनकी बड़ी भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

नेशनल डॉक्टर्स डे के पीछे का इतिहास प्रसिद्ध डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती से जुड़ा है। यह दिन महान डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय या डॉ बीसी रॉय की जयंती के साथ-साथ उनकी पुण्यतिथि का भी प्रतीक है। विधान चंद्र रॉय भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता होने के साथ पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे। अपने खाली समय में भी डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय लोगों का बेहद कम फीस में इलाज करते थे। डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय को श्रद्धांजलि देने के लिए यह दिन मनाया जाता है। नेशनल डॉक्टर्स डे को मनाने की शुरूआत पहली बार वर्ष 1991 में हुई थी। डॉ. बिधान चंद्र रॉय ने भारत के हेल्थ केयर सेक्टर में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके इस योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 1976 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित भी किया।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का महत्व जीवन बचाने, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और जरूरतमंद व्यक्तियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करवाने वाले डॉक्टरों को सम्मानित करने और उनके योगदान को स्वीकार करने में निहित है।

हर साल नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने के लिए एक नई थीम रखी जाती है। बात अगर इस साल की थीम की करें तो नेशनल डॉक्टर्स डे 2024 की इस थीम 'हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स' है। जिसका मतलब है कि 'हम मेडिकल प्रोफेशनल्स के प्रयासों और उनके सभी योगदानों को पहचानते हैं'।नेशनल डॉक्टर्स डे की इस साल की थीम डॉक्टरों द्वारा अपने चिकित्सा अभ्यास में लाए जाने वाले समर्पण, करुणा और सहानुभूति पर जोर देती है।