रायपुर । पूर्व
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोहारीडीह गांव की घटनाओं को लेकर शनिवार को
गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में तीन हत्याओं की घटनाएं,
आपसी रंजिश और पुलिस मारपीट के दौरान प्रशांत साहू की हत्या ने पूरे प्रदेश
को झकझोर दिया है। बघेल ने आरोप लगाया कि जेल में बंद लोगों के साथ
अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जिससे उनकी स्थिति बेहद दयनीय हो गई है।
कई कैदी चलने-फिरने में असमर्थ हैं, और गंभीर चोटों से पीड़ित हैं।
बघेल
ने प्रेस से बात करते हुए कहा, "जो लोग जेल में बंद हैं, उन्हें अस्पताल
में भर्ती कर उनके पूरे शरीर की जांच कराई जानी चाहिए। बाहरी चोटें स्पष्ट
हैं, लेकिन आंतरिक चोटें भी हो सकती हैं, क्योंकि कैदियों को बुरी तरह से
मारा गया है। लोहारीडीह के सभी कैदियों का सही तरीके से इलाज होना चाहिए।"
इसके साथ ही, भूपेश बघेल ने न्यायिक जांच की मांग की है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। उनका कहना है कि एसडीएम या अन्य स्थानीय अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच नहीं कर सकते, इसलिए न्यायिक जांच आवश्यक है।
उन्होंने मृतक प्रशांत साहू और कचरू साहू के परिवारों की दुर्दशा पर भी चिंता जताई। प्रशांत साहू की पत्नी पहले ही गुजर चुकी है और उनका आठ साल का बेटा अब अनाथ हो गया है। वहीं, कचरू साहू की पत्नी और पांच बच्चे, जिनमें कुछ नाबालिग हैं, बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। बघेल ने पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है, जैसा कि भाजपा सरकार ने पूर्व में इसी तरह की मांगों पर जोर दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि कई निर्दोष लोग, जिन्हें इस मामले में गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। पुलिस प्रशासन ने खुद स्वीकार किया है कि कुछ गिरफ्तारियां गलत हुई हैं, इसलिए दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए।
बघेल ने सरकार से इस मामले में त्वरित और उचित कदम उठाने की मांग की है।
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