वरि० पुलिस अधीक्षक के आदेश की थाना प्रभारी नहीं ले रहे सुध

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वरि० पुलिस अधीक्षक पर भारी मोवा थाना प्रभारी

पुलिस विभाग में जनता की शिकायतों को दबाना आम बात है, लेकिन अब उच्च अधिकारियों के आदेश भी अधीनस्थ दबाकर बैठ जाते हैं। ट्रांसफर के बाद रिलीव नहीं करने का चल रहा खेल, थानेदार से लेकर इंस्पेक्टर और सिपाही तक नहीं छोड़ रहे जगह सरकार द्वारा स्थानांतरण आदेश के बाद भी विभागों में इंस्पेक्टर और थानेदार जमे हुए रहते देखा गया हैं।

सरकार ने इस आदेश पर पहले ही सर्कुलर
जारी करते हुए संबंधित अफसरों को रिलीव करने का आदेश जारी किया है पर इसके बाद भी इन अफसरों कर्मचारियों को विभागों ने रिलीव नही किया। सरकार ने
विभागों में किसी भी अफसर की पदस्थापना
के अधिकतम तीन साल का नियम तय किया है। यह अवधि गुजर जाने के बाद इंस्पेक्टर और थानेदार व कर्मचारी को सरकार के स्थानांतरण आदेश से तय जगहों पर जाना ही होता है।
इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सरकार के काम में पारदर्शिता लाना है लेकिन पुलिस विभागों में ऐसा नहीं होता दिख रहा है सरकार के उच्च अधिकारी के आदेश की उन्हीं के अफसर टी. आई अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा अक्सर दो कारणों से होता है। यदि सरकार के तबादला आदेश के बाद कोई अधिकारी कोर्ट से स्टे नहीं लिया है तब भी वह अपने अपने पद पर जमा है। इसका सीधा सा मतलब यही होता है उसने अपने उच्च अधिकारी से सेटिंग कर ली है।
इसी वजह से वह विभाग से रिलीव नहीं हो रहा है। दूसरा यह होता है कि वह रिलीव तो हो गया लेकिन तबादला के बाद तय जगह पर उसने ज्वाइनिंग नहीं ली। सबकुछ जानकर ध्यान देने को तैयार नहीं है इंस्पेक्टर, इसके कारण जारी है मनमानी, लोग लगा रहे मिलीभगत का आरोप ट्रांसफर के बाद नहीं हुए रिलीव 03/07/24 को संतोष कुमार' सिंह वरि० पुलिस अधीक्षक जिला- रायपुर द्वारा प्रआर 421 संदीप तिवारी का ट्रांसफर पंडरी से ख़मतराई थाना किया गया था जो आज भी अपने पुराने स्थान पर यथावत जमा हुवा है जिसका कारण थाना प्रभारी है जिसने संतोष कुमार' सिंह वरि० पुलिस अधीक्षक जिला- रायपुर द्वारा जारी आदेश को अपने इसतर पर ना मानते हुवे अमान्य कर संदीप तिवारी को रिलीब नहीं किया