पीटीआई. छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)/आर्थिक अपराध शाखा ने कथित नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) घोटाला मामले की जांच दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और एक पूर्व राज्य महाधिवक्ता तक पहुंच गई है। इन तीनों पर मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पदों का दुरुपयोग करने का आरोप है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह आरोप राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान तीनों आरोपियों के कार्यकाल से संबंधित हैं।
एसीबी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। ईओडब्ल्यू ने इन तीनों के खिलाफ यह प्राथमिकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन के आधार पर नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दर्ज की है। प्राथमिकी में बताया गया है कि कैसे ये तीनों वाट्सऐप के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहे और पद तथा प्रभाव का का दुरुपयोग करके धांधली को अंजाम दिया।
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