असहयोग करेंगे मिलर, कहा- 20 तक नहीं करेंगे मिलिंग

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रायपुर, छत्तीसगढ़ के राइस मिलर अब राज्य सरकार के खिलाफ असहयोग पर उतरे हैं। राज्य भर के ढाई हजार मिलरों की रायपुर में बैठक के बाद कहा गया है कि अब 20 दिसंबर तक मिलिंग का कोई काम नहीं किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश के सभी मिलर्स ने अपनी मांगें राज्य सरकार से सहमति मिलने उपरांत भी बकाया भुगतान , एसएलसी दर से परिवहन भुगतान एवं अन्य मांगे पूरी नहीं होने पर इस माह की 20 तारीख तक कस्टम मिलिंग कार्य में असहयोग करने का निर्णय लिया है ।
एसोसिएशन के बयान में कहा गया है कि कल राज्य सरकार की कैबिनेट की बैठक में चावल उद्योग से संबंधित विषयों पर निर्णय लिया जिसमें मिलर्स को वर्ष 2024-25 की प्रोत्साहन राशि 80/- रुपये क्विंटल करने, मिलर्स को वर्ष 2023-24 के प्रोत्साहन की एक किस्त का भुगतान करने के साथ ही पेनाल्टी विषय पर निर्णय लिए गए । मिलर्स वर्ष 2022-23 के प्रोत्साहन की एक किस्त चाहते हैं जबकि कैबिनेट ने वर्ष 2023-24 के भुगतान पर मुहर लगा दी, साथ ही एसएलसी की दर से भुगतान का विषय कैबिनेट में नहीं रखा गया ।इन दो बड़ी मांगों पर पूर्व में राज्य सरकार के साथ चर्चा में सहमति के उपरांत भी मांगें पूर्ण नहीं होने पर मिलर्स का धैर्य टूट गया । बैठक में उपस्थित मिलर्स ने कहा कि यह मिलर्स के साथ वादा खिलाफ़ी है ।

एक तरफ़ मिलर्स में कैबिनेट होने के पूर्व उत्साह का वातावरण बना हुआ था की कैबिनेट में उनकी मांगें पूर्ण होंगी लेकिन कैबिनेट से जो निर्णय आया उससे पूरे प्रदेश के मिलर्स में निराशा का वातावरण बन गया । प्रदेश भर के मिलर्स ने मांग की है कि प्रदेश सरकार तत्काल निर्णय लेकर जिन विषयों में सहमति बनी उस पर अमल होकर समस्या का समाधान निकाल सके जिससे किसानों को भी कोई असुविधा ना हो ।
मिलर्स को कस्टम मिलिंग का बकाया भुगतान जो करोड़ों में है वह ना होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब है । मिलर के पास बैंक गारंटी बनाने , चावल जमा करने पैसा नहीं है ।ऐसी स्थिति में मिलर को भुगतान के अभाव में मिलर कस्टम मिलिंग कार्य करने असमर्थ हो चुका है । यह पहला अवसर नहीं है जब मिलर अपनी समस्या को सरकार के सामने रख रहा है । एसोसिएशन के माध्यम से अनेक बार पत्र व्यवहार किया गया । सभी जिलों के मिलर्स ने अपने जिले के जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया । यह पिछले काफ़ी दिनों से चल रहा था लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया । जिससे मिलर को यह निर्णय लेना पड़ा कि वे पुनः सरकार से आग्रह करते हैं कि उनके मांगों पर जिन पर सरकार ने सहमति दी उसे शीघ्र निर्णय लेकर पूरी करे । जिससे कस्टम मिलिंग कार्य सुचारू रूप से चल सके।