उत्तर बस्तर कांकेर । प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जिले के संवेदनशील क्षेत्र पखांजूर का दौरा किया, जहां पर उन्होंने कुल 02 अरब 54 करोड़ 15 लाख रुपए के 68 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। साथ ही नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष असीम रॉय की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्रवासियों को विभिन्न निर्माण कार्यों की सौगात दी। उन्होंने कार्यक्रम में पखांजूर से मायापुर सड़क सुदृढ़ीकरण के लिए 8.78 करोड़ रुपए, खेल परिसर निर्माण के लिए 02 करोड़, नालंदा परिसर लाइब्रेरी स्थापना की घोषणा तथा सिविल अस्पताल के मरम्मत कार्य के लिए 30 लाख की घोषणा की। आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना से माओवाद प्रभावित क्षेत्र के गांवों का सतत् विकास हो रहा है।
पखांजूर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि 13 दिसंबर को प्रदेश की सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है और इतने कम समय में जनता से किए गए वायदों को पूरा करने सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार गठन के तुरंत बाद 25 दिसंबर को सुशासन दिवस पर किसानों को अंतर की राशि का भुगतान किया, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए प्रकरण स्वीकृत हुए। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपए के मान से प्रति मानक बोरा खरीदा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बस्तर के विकास के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। नियद नेल्लानार योजना के तहत माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास से जोड़ने पीएम जनमन योजना चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री साय ने आगे बताया कि प्रदेश में नई उद्योग नीति लागू कर व्यवसाय और उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह राज्य पीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सीबीआई लगातार कार्रवाई कर रही है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पिछले एक साल में साय सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए अनेक कार्य किए। महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगातार आवास बन रहे है। किसानों से लेकर हर वर्ग का कल्याण हो रहा है। इसके पहले, अंतागढ़ विधायक विक्रम देव उसेंडी ने कहा कि एक वर्ष में सरकार ने सभी वर्ग के कल्याण के लिए कार्य किया है और सभी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने लगातार प्रगति की है। कार्यक्रम में कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने जिले की प्रगति और उपलब्धियों पर आधारित प्रतिवेदन का वाचन किया।
"सुशासन का एक साल" थीम पर आधारित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने इसके पहले बस स्टैंड पखांजूर में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष असीम रॉय की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके पश्चात उन्होंने कुल 02 अरब 54 करोड़ 15 लाख रूपए के 68 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इनमेंं 215.41 करोड़ रूपए के 43 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 38.74 करोड़ रूपए के 25 कार्यों का लोकार्पण सम्मिलित हैं। इस अवसर पर कांकेर विधायक आशाराम नेताम, नगर पंचायत पखांजूर की अध्यक्ष मोनिका साहा, पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, मंतूराम पवार, राज्य मत्स्य विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत मटियारा सहित डी आई जी अमित तुकाराम कांबले, एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला, एडीएम अंतागढ़ बीएस उइके, जिला पंचायत के सीईओ हरेश मंडावी के अलावा वरिष्ठ नागरिक और स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था को पहले से और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं।कोरबा जिले में दो हजार से अधिक विद्यालय है। हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में शिक्षकों की कमी की शिकायत लगातार कलेक्टर के पास आती रहती थी। उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से सभी विद्यालयों की जानकारी जुटाकर शिक्षकों की कमी को दूर करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विषय शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए गए और निर्धारित अर्हता पूरी करने वाले उम्मदवारों का चयन किया गया। प्राथमिक शाला कोरई में मानदेय के आधार पर नियुक्त हुई शिक्षिका चंद्रिका पैंकरा और प्राथमिक शाला कदमझेरिया की शिक्षिका शकुंतला कंवर ने बताया कि स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में जिम्मेदारी मिलने के बाद वे भी जिम्मेदारी के साथ बच्चों का अध्यापन करा रहे हैं। यह खुशी की बात है कि शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता बरतते हुए गांव के बेरोजगार योग्य युवाओं को भी अवसर दिया गया है। जिले के हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कुल 118 लेक्चरर की नियुक्ति की गई। इसी तरह माध्यमिक शाला में 96 शिक्षकों और प्राथमिक शाला में 263 सहायक शिक्षकों सहित 40 पीवीटीजी शिक्षकों की नियुक्ति की गई। कुल 517 शिक्षकों की नियुक्ति जिले में की गई है। सभी शिक्षकों को मानदेय के आधार पर रखा गया है और डीएमएफ से उन्हें प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। जिसमें रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलने लगा है। उनका समय पर पाठयक्रम पूरा हो रहा है वहीं विषय ज्ञान का स्तर भी सुधरने लगा है। एकल शिक्षकीय विद्यालयों में भी शिक्षकों को राहत मिली है। अभिभावक भी इस व्यवस्था से संतुष्ट है। खास बात यह भी है कि शिक्षकों की नियुक्ति में जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समाज को भी वरीयता दी गई है। उन्हें भी उनकी योग्यता के आधार पर जिले के अनेक विद्यालयों में शिक्षक सहित भृत्य एवं अन्य पदों पर रखा गया है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर समाज की मुख्यधारा में आ सकें।
जिले के हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक शाला, प्राथमिक शाला विद्यालय में लेक्चचर, शिक्षकों, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति तो की ही गई है। इसके साथ ही विद्यालयों में 270 भृत्य भी नियुक्त किए गए हैं। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने जर्जर विद्यालयों की भी सुध ली है। उन्होंने जर्जर भवनों की जानकारी मंगाकर नए भवन स्वीकृत किए हैं। जिले में संचालित शासकीय संस्थाओं के भवन, किचन शेड, शौचालय इत्यादि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर आवश्यकता अनुसार स्वीकृति दी गई है। जिले के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु केंद्रीय परीक्षा पद्धति अपनाते हुए जिले के समस्त विद्यालय हेतु पाठ्यक्रम निर्धारित कर नियत समय पर त्रैमासिक एवं अर्धवार्षिक परीक्षा संचालित करने हेतु निर्देशित किया गया है। कक्षा 10वीं एवं 12वीं के कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा के पूर्व शैक्षणिक स्तर में सुधार हेतु नवीन कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के 2100 से अधिक प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने नाश्ते वितरण कराए जा रहे हैं। खाना पकाने गैस कनेक्शन दी गई है। विद्यालयों में आवश्यक संसाधान मुहैया कराया जा रहा है और शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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